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डॉ मन ज कुमार रीवा्तव सना कडट कॉलज
भारतीय स्य अकादमी दहरादनू-२४८००७
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साववरिक गु ्वाक्वण
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रीक ्य तत्ी एरर्ट रकस -२५० ईसा पूवव ममर क एक रमसध वञातनक टॉलमी -१५० ईसा व्व प लडं क ्य तत्ववद तनक लस क परतनकस -१५४० ईसा व्व महान वञातनक गलीमलय गमलली (१५६४-१६४२) य हननीज क्लर (१५७१-१६३०) टाइक राह(१५४६-१६०१) सर आइजक ्यूटन (१६४२-१७२७)
कालानुरम
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शपथ “म ंगलीमलय गमलली ्वगीय ्वसाजजओ गमलली का पुि
्ल रंस तनवासी उर ७० साल, कचहरी मं हाजजर ह कर अपन अस्य मसधांत का ्याग करता हँू कक सूयव ्वय ंज्थर रहत हुए रमहांड की गतत्वधि का कंर ह |म ंकसम खाकर कहता हँू कक इस मसधा्त क अब म ं कभी नही मानँूगा इसका समथवन रततपादन भी अब म ं ककसी प स नही क ँ गा” म त क डर स इस महान वञातनक क अपन रषणं ्वारा रमाणणत मसधा्त स मुकरना पड़ा|
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क्लर क तनयम •कषाओं का तनयम
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क्लर क तनयम षिफलं का तनयम
रहं की षिीय चाल तनयत बदलती रखीय चाल क णीय संवग क संरषण
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क्लर क तनयम आवतवकालं का तनयम रह के परिरमण काल का व्ग उस रह ्वािा अनुिेखित अ्ग दी्गवृ् त अष के ्न के समानुपाती
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्यूटन का साववरिक गु ्वाक्वण का तनयम
G एक तनयतांक ह जजसका मान पूर र्मा्ड मं तनयत
गु ्वाक्वण बल ्पडं क बीच मा्यम पर तनभवर नही
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गु ्वीय षि की तीरता या गु ्वीय ्वरण ‘g’
पृ् वी की सतह स ऊपर जान पर
पृ् वी की सतह पर आकार क कारण घूणवन क कारण
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गु ्वीय षि की तीरता या गु ्वीय ्वरण (g)
पृ् वी की सतह स नीच जान पर
Re
Re-h P
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गु ्वीय षि की तीरता या गु ्वीय ्वरण (g)
h=0
r
्ुु ्वीय षेर की तीरता (g)
h=Re
पृ् वी की सतह से नीचे पृ् वी की सतह से बाहि
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गु ्वीय ्वभव गु ्वीय ्वभव (V गु ्वीय ) =
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गु ्वीय ज्थततज ऊजाव •गु ्वीय बल एक संरषी बल •अतः इस बल स उ्प्न ज्थततज ऊजाव का पररकलन संभव •ककसी रबदं ुपर ्पडं की ज्थततज ऊजाव ञात करन क मलए स्दभव रबदं ुअनंत पर •ऋणा्मक धच्ह, कायव रा्त ह न क मलए
•गु ्वीय ज्थततज ऊजाव का रचमलत सूि mgh, द ज्थततयं (जजनक बीच दरूी h ह) की गु ्वीय ज्थततज ऊजावओ ंका अतंर
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पलायन चाल
•पलायन चाल का मान पलायन किने वाली व्तु के र्यमान पि नन्गि नही
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भू-उपरह •क्लर क तनयमं पर आिाररत गतत F (अमभकंर ) = F (गु ्वाक्वण )
•भू-्थततक या तु्यकाली उपरह •आवतवकाल = २३ घंट ५६ ममनट ४ सकंड •रुवीय उपरह •आवतवकाल = ८५ ममनट